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"सभी स्त्रियों के मन में / येव्गेनी येव्तुशेंको" के अवतरणों में अंतर
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01:35, 17 फ़रवरी 2009 का अवतरण
सभी स्त्रियों के मन में
हमेशा बनी रहती है आशा
विशेष रूप से तब
जब पूरे के पूरे
माहौल में हो निराशा
उस वक़्त यह सम्भव नहीं
कि वे ख़ुद को धोखे में न रखें
चूँकि आत्मवंचना से ही
उन्हें मिलता है सुख
और वही है उनका सबसे बड़ा दुख