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"चैत की हवा / आलोक श्रीवास्तव-२" के अवतरणों में अंतर

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13:22, 27 फ़रवरी 2009 का अवतरण

 

चैत की हवा
हिलाती है
टहनियां
वृक्षों के पत्ते
फिरती है
देर तक
उदासी बन कर
फिर
एक अनाम संदेशा
नदी-कूल लिख
चली जाती है
चुपचाप !