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"प्रेमहीनता की कविता / आरागों" के अवतरणों में अंतर

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'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
 
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
 
/तनाव-76 अक्टूबर-दिसम्बर 2000 में प्रकाशित/
 

18:58, 10 मार्च 2009 का अवतरण

प्रेमहीनता की कविता

जोड़े बनते हैं
अनायास यूँ ही
है उनके लिए अजीब ही
कि लोग प्यार करते हैं

प्रेमी किसी शाम
भगवान जाने कैसे
पल भर के लिए जैसे
आते हैं बैठने तमाम

क्षणिक समय इतना
दिल हैं धड़कते
मुश्किल से मिलते
और पड़ता बिछुड़ना

विदा कहते
अधबने शब्द से
हों वह जैसे
नींद में उतरते

रातों के बच्चो अरे
हैं क्रूर छायाएँ बड़ी
तुम्हारी राहों में पड़ी
गुज़रो बिना शब्द किए

मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी