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"समुद्र में जहाँ डूब रहा था सूर्य / विनोद कुमार शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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समुद्र में जहाँ डूब रहा था सूर्य
इस तरह डूब रहा था
कि पश्चिम की दिशा भी उसके साथ
डूब रही थी
कि कल सूर्य के डूबने के लिए
पश्चिम की दिशा नहीं होगी
बाकी बची किसी दिशा में
वह डूबता है तो डूब जाए.

समुद्र में जहाँ उदित हो रहा है सूर्य
एक ऐसे समुद्री पक्षी की तरह
जो निकलने की कोशिश करता है
पर सतह के तेल से
पँख लिथडे़ होने के कारण
निकल नहीं पाता है.

इस न निकल पाने वाले सूर्योदय को देखने
न पर्यटकों की भीड़ थी
न पर्यटक आत्माओं की.

इस न निकल पाने वाले सूर्योदय के
दिन भर के बाद
न निकल पाने वाला सूर्य डूब जाता है