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"बलि-पन्थी से / माखनलाल चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर

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मत व्यर्थ पुकारे शूल-शूल,
 
मत व्यर्थ पुकारे शूल-शूल,
 
 
कह फूल-फूल, सह फूल-फूल।
 
कह फूल-फूल, सह फूल-फूल।
 
 
हरि को ही-तल में बन्द किये,
 
हरि को ही-तल में बन्द किये,
 
 
केहरि से कह नख हूल-हूल।
 
केहरि से कह नख हूल-हूल।
 
 
  
 
कागों का सुन कर्त्तव्य-राग,
 
कागों का सुन कर्त्तव्य-राग,
 
 
कोकिल-काकलि को भूल-भूल।
 
कोकिल-काकलि को भूल-भूल।
 
 
सुरपुर ठुकरा, आराध्य कहे,
 
सुरपुर ठुकरा, आराध्य कहे,
 
 
तो चल रौरव के कूल-कूल।
 
तो चल रौरव के कूल-कूल।
 
 
  
 
भूखंड बिछा, आकाश ओढ़,
 
भूखंड बिछा, आकाश ओढ़,
 
 
नयनोदक ले, मोदक प्रहार,
 
नयनोदक ले, मोदक प्रहार,
 
 
ब्रह्यांड हथेली पर उछाल,
 
ब्रह्यांड हथेली पर उछाल,
 
 
अपने जीवन-धन को निहार।
 
अपने जीवन-धन को निहार।
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19:27, 15 अप्रैल 2009 का अवतरण

मत व्यर्थ पुकारे शूल-शूल,
कह फूल-फूल, सह फूल-फूल।
हरि को ही-तल में बन्द किये,
केहरि से कह नख हूल-हूल।

कागों का सुन कर्त्तव्य-राग,
कोकिल-काकलि को भूल-भूल।
सुरपुर ठुकरा, आराध्य कहे,
तो चल रौरव के कूल-कूल।

भूखंड बिछा, आकाश ओढ़,
नयनोदक ले, मोदक प्रहार,
ब्रह्यांड हथेली पर उछाल,
अपने जीवन-धन को निहार।