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"पहली भोर / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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02:09, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

बरस भर वह
उगलता रहा मेरे मुँह पर
दिन भर का तनाव
हर शाम!


आज
नए बरस की पहली भोर
मैंने दे मारा
पूरा भरा पीकदान
उसके माथे पर!!


कैसा लाल - लाल उजाला
फ़ैल गया सब ओर!!!