भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भजो राधे गोविंदा / भजन

54 bytes added, 14:48, 17 अप्रैल 2009
{{KKGlobal}}
{{KKBhajan
|रचनाकार=
}}
<poem>
भजो राधे गोविंदा
 
भजो राधे गोविंदा
गोपाला तेरा प्यारा नाम है
 
गोपाला तेरा प्यारा नाम है
 
नंदलाला तेरा प्यारा नाम है
 
मोर मुकुट माथे तिलक विराजे
 
गले वैजन्थिमाला गले वैजन्थिमाला
 
कोई कहे वासुदेव का नंदन
 
कोई कहे नंदलाला कोई कहे नंदलाला
भजो राधे गोविंदा . . .
 
गज और ग्रेहे लड़े जल भीतर
 
जल में चक्र चलाया जल में चक्र चलाया
 
जब जब पीर पड़ी भगतों पर
 
नंगे पैरीं धाया नंगे पैरीं धाया...
 
भजो राधे गोविंदा..
</poem>