भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन / भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{ | + | {{KKGlobal}} |
− | |रचनाकार= | + | {{KKBhajan |
+ | |रचनाकार=[[तुलसीदास]] | ||
}} | }} | ||
− | |||
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।<br> | श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।<br> | ||
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणम् ॥ १॥<br><br> | नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणम् ॥ १॥<br><br> |
20:27, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ।
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणम् ॥ १॥
कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् ।
पटपीत मानहुं तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् ॥ २॥
भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् ।
रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् ॥ ३॥
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणम् ।
आजानुभुज सर चापधर सङ्ग्राम जित खरदूषणम् ॥ ४॥
इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् ।
मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् ॥ ५॥