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"हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम / भजन" के अवतरणों में अंतर

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हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम ।<br>
 
हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम ।<br>
 
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ॥<br><br>
 
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ॥<br><br>

20:28, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम ।
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ॥

दीपक ले के हाथ में सतगुरु राह दिखाये ।
पर मन मूरख बावरा आप अँधेरे जाए ॥

पाप पुण्य और भले बुरे की वो ही करता तोल ।
ये सौदे नहीं जगत हाट के तू क्या जाने मोल ॥

जैसा जिस का काम पाता वैसे दाम ।
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ॥