"ऋषभ देव शर्मा / परिचय" के अवतरणों में अंतर
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− | कार्य : प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, खैरताबाद, हैदराबाद - 500 004 | + | |
1983-1990 : जम्मू और कश्मीर राज्य में गुप्तचर अधिकारी (इंटेलीजेंस ब्यूरो, भारत सरकार) | 1983-1990 : जम्मू और कश्मीर राज्य में गुप्तचर अधिकारी (इंटेलीजेंस ब्यूरो, भारत सरकार) | ||
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संप्रति : 15 मई, 2006 से : प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद केंद्र में। | संप्रति : 15 मई, 2006 से : प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद केंद्र में। | ||
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+ | * काव्य संग्रह - तेवरी, तरकश, ताकि सनद रहे। | ||
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− | शिखर-शिखर (डॉ.जवाहर सिंह अभिनंदन ग्रंथ), | + | * अनुवाद : नई पीठिका, नए संदर्भ, |
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− | माता कुसुमकुमारी हिंदीतर भाषी हिंदी साधक सम्मान अतीत एवं संभावनाएँ, | + | * प्रेमचंद की भाषाई चेतना। |
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+ | * आदर्श कौमुदी : तमिल कहानी विशेषांक | ||
+ | * कर्णवती : समकालीन तमिल साहित्य विशेषांक। | ||
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− | दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नै। | + | * डॉ.बी.आर.अंबेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय, हैदराबाद। |
− | नवोदय विद्यालय, एन सी ई आर टी, दिल्ली। | + | * दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नै। |
− | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आफीसर्स एसोसिएशन इंस्टीट्यूट, चेन्नै। | + | * नवोदय विद्यालय, एन सी ई आर टी, दिल्ली। |
+ | * स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आफीसर्स एसोसिएशन इंस्टीट्यूट, चेन्नै। | ||
विभिन्न विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा आयोजित संगोष्ठियों / लेखक शिविरों/ कार्यशालाओं में संसाधक/विषय विशेषज्ञ। | विभिन्न विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा आयोजित संगोष्ठियों / लेखक शिविरों/ कार्यशालाओं में संसाधक/विषय विशेषज्ञ। | ||
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लगभग 50 पुस्तकों के लिए भूमिका-लेखन। | लगभग 50 पुस्तकों के लिए भूमिका-लेखन। | ||
− | ई-मेल : rishabhadeosharma | + | ई-मेल : rishabhadeosharma AT yahoo DOT com |
17:26, 18 अप्रैल 2009 का अवतरण
- नाम: ऋषभ देव शर्मा
- उपनाम: 'देवराज'
- जन्म: 04.07.1957, ग्राम - गंगधाडी, जिला - मुज़फ्फर नगर, उत्तर प्रदेश, भारत
- शिक्षा: एम. एससी. तक भौतिक विज्ञान का अध्ययन करने के बाद हिंदी में एम. ए, पीएच.डी. (उन्नीस सौ सत्तर के पश्चात की हिंदी कविता का अनुशीलन)।
- कार्य: प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, खैरताबाद, हैदराबाद - 500 004
1983-1990 : जम्मू और कश्मीर राज्य में गुप्तचर अधिकारी (इंटेलीजेंस ब्यूरो, भारत सरकार) 1990-1997 प्राध्यापक : उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा : मद्रास और हैदराबाद केंद्र में। 1997-2005 रीडर : उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : हैदराबाद केंद्र में। 2005-2006 प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : एरणाकुलम केंद्र में। संप्रति : 15 मई, 2006 से : प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद केंद्र में।
प्रकाशन
- काव्य संग्रह - तेवरी, तरकश, ताकि सनद रहे।
- आलोचना - तेवरी चर्चा, हिंदी कविता : आठवाँ नवाँ दशक।
- कविता की समकालीनता।
- अनुवाद चिंतन - साहित्येतर हिंदी अनुवाद विमर्श।
संपादन
पुस्तकें
- पदचिह्न बोलते हैं,
- अनुवाद का सामयिक परिप्रेक्ष्य,
- भारतीय भाषा पत्रकारिता,
- शिखर-शिखर (डॉ.जवाहर सिंह अभिनंदन ग्रंथ),
- हिंदी कृषक (काजाजी अभिनंदन ग्रंथ),
- माता कुसुमकुमारी हिंदीतर भाषी हिंदी साधक सम्मान अतीत एवं संभावनाएँ,
- अनुवाद : नई पीठिका, नए संदर्भ,
- स्त्री सशक्तीकरण के विविध आयाम,
- प्रेमचंद की भाषाई चेतना।
पत्रिकाएँ
- संकल्य (त्रैमासिक) : दो वर्ष
- पूर्णकुंभ (मासिक) : पाँच वर्ष : सहायक संपादक
- महिप (त्रैमासिक) : सहयोगी संपादक
- आदर्श कौमुदी : तमिल कहानी विशेषांक
- कर्णवती : समकालीन तमिल साहित्य विशेषांक।
पाठ्यक्रम लेखन
- डॉ.बी.आर.अंबेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय, हैदराबाद।
- दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नै।
- नवोदय विद्यालय, एन सी ई आर टी, दिल्ली।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आफीसर्स एसोसिएशन इंस्टीट्यूट, चेन्नै।
विभिन्न विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा आयोजित संगोष्ठियों / लेखक शिविरों/ कार्यशालाओं में संसाधक/विषय विशेषज्ञ।
शोध निर्देशन :
पीएच.डी. और एम.फिल. के 80 शोध प्रबंधों का सफलतापूर्वक निर्देशन।
विशेष :
मूलतः कवि।
1981 में तेवरी काव्यांदोलन (आक्रोश की कविता) का प्रवर्तन किया ।
[तेवरी काव्यांदोलन की घोषणा 11 जनवरी 1981 को मेरठ, उत्तर प्रदेश, में की गई थी। एक वर्ष बाद खतौली [उत्तर प्रदेश] में इसका घोषणा पत्र डॉ. देवराज और ऋषभ देव शर्मा ने जारी किया था। तेवरी सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विसंगतियों पर प्रहार करने वाली आक्रोशपूर्ण कविता है। यह किसी भी छंद में लिखी जा सकती है। इसकी हर दो पंक्तियाँ स्वतःपूर्ण होते हुए भी पूरी रचना में अंतःसूत्र विद्यमान रहता है। तेवरी का छंद सम-पंक्तियों में तुकांत होता है। इसे अमेरिकन कांग्रेस की लाइब्रेरी के कॅटलॉग में 'पोएट्री ऑफ प्रोटेस्ट' कहा गया है|]
अनेक शोधपरक समीक्षाएँ एवं शोधपत्र प्रकाशित। लगभग 50 पुस्तकों के लिए भूमिका-लेखन।
ई-मेल : rishabhadeosharma AT yahoo DOT com