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"पद / भारतेंदु हरिश्चंद्र" के अवतरणों में अंतर

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22:37, 15 नवम्बर 2006 का अवतरण

रचनाकार: भारतेंदु हरिश्चन्द्र

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पद

तेरी अँगिया में चोर बसैं गोरी !

इन चोरन मेरो सरबस लूट्यौ मन लीनो जोरा जोरी !

छोड़ि देई कि बंद चोलिया, पकरैं चोर हम अपनो री !

"हरीचन्द" इन दोउन मेरी, नाहक कीनी चितचोरी !

तेरी अँगिया में चोर बसैं गोरी !!