भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शक्ति का अवतार हैं ये रोटियाँ / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा |संग्रह=तरकश / ऋषभ देव शर्मा }} <Poem> शक...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
23:54, 26 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण
शक्ति का अवतार हैं ये रोटियाँ
शिव स्वयं साकार हैं ये रोटियाँ
भूख में होता भजन, यारो नहीं
भक्ति का आधार हैं ये रोटियाँ
घास खाने के लिए कर दें विवश
अकबरी दरबार हैं ये रोटियाँ
और मत इनको उछालें आप अब
क्रांति का हथियार हैं ये रोटियाँ
तुम बहुत चालाक, टुकड़े कर रहे
युद्ध को तैयार हैं ये रोटियाँ
टोपियों का चूर कर दें राजमद
दर-असल सरकार हैं ये रोटियाँ
तलघरों की क़ैद को तोड़ें, चलो
मुक्ति का अधिकार हैं ये रोटियाँ