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"जब से बुलबुल तूने दो तिनके लिये / अमीर मीनाई" के अवतरणों में अंतर

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जब से बुल-बुल तू ने दो तिनके लिये  
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जब से बुलबुल तूने दो तिनके लिये  
टूटती है बिजलियाँ इन के लिये  
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है जवानी ख़ुद जवानी का सिन्ग़ार  
 
है जवानी ख़ुद जवानी का सिन्ग़ार  
 
सादगी गहना है उस सिन्न के लिये  
 
सादगी गहना है उस सिन्न के लिये  
 
[गहना = जेवर]
 
  
 
कौन वीराने में देखेगा बहार  
 
कौन वीराने में देखेगा बहार  
फूल जंगल में खिले किन के लिये  
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फूल जंगल में खिले किनके लिये  
  
 
सारी दुनिय के हैं वो मेरे सिवा  
 
सारी दुनिय के हैं वो मेरे सिवा  
 
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये  
 
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये  
  
बाग़बाँ कलियाँ हों हल्के रन्ग की  
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बाग़बाँ कलियाँ हों हल्के रंग की  
 
भेजनी हैं एक कमसिन के लिये  
 
भेजनी हैं एक कमसिन के लिये  
  
 
सब हसीं हैं ज़ाहिदों को नापसन्द  
 
सब हसीं हैं ज़ाहिदों को नापसन्द  
अब कोई हूर आयेगी इन के लिये  
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अब कोई हूर आयेगी इनके लिये  
  
 
वस्ल का दिन और इतना मुख़तसर  
 
वस्ल का दिन और इतना मुख़तसर  
 
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये
 
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये
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21:51, 1 मई 2009 का अवतरण

 
जब से बुलबुल तूने दो तिनके लिये
टूटती है बिजलियाँ इनके लिये

है जवानी ख़ुद जवानी का सिन्ग़ार
सादगी गहना है उस सिन्न के लिये

कौन वीराने में देखेगा बहार
फूल जंगल में खिले किनके लिये

सारी दुनिय के हैं वो मेरे सिवा
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये

बाग़बाँ कलियाँ हों हल्के रंग की
भेजनी हैं एक कमसिन के लिये

सब हसीं हैं ज़ाहिदों को नापसन्द
अब कोई हूर आयेगी इनके लिये

वस्ल का दिन और इतना मुख़तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये