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− | तुम जो नहीं कनार में | + | तुम जो नहीं कनार में लुत्फ़ ही क्या बहार में |
− | उस पे | + | उस पे करे ख़ुदा रहम गर्दिश-ए-रोज़गार में |
− | अपनी तलाश | + | अपनी तलाश छोड़कर जो है तलाश-ए-यार में |
− | हम कहीं जानेवाले हैं दामन-ए-इश्क़ | + | हम कहीं जानेवाले हैं दामन-ए-इश्क़ छोड़कर |
− | + | ज़ीस्त तेरे हुज़ूर में, मौत तेरे दयार में |
17:18, 2 मई 2009 के समय का अवतरण
ओस पदे बहार पर आग लगे कनार में
तुम जो नहीं कनार में लुत्फ़ ही क्या बहार में
उस पे करे ख़ुदा रहम गर्दिश-ए-रोज़गार में
अपनी तलाश छोड़कर जो है तलाश-ए-यार में
हम कहीं जानेवाले हैं दामन-ए-इश्क़ छोड़कर
ज़ीस्त तेरे हुज़ूर में, मौत तेरे दयार में