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"धार लगा कर सब आवाजें, आरी करनी हैं / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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22:49, 2 मई 2009 का अवतरण

धार लगाकर सब आवाजे़ं आरी करनी हैं
एक बड़े जलसे की अब तैयारी करनी है

फुलझड़ियों से खेल रहे वे आग नहीं जाने
अँधियारे तहख़ानों में बमबारी करनी है

ब्लैक-होल डसते जाते हैं सूरजमुखियों को
अस्थिचूड़ देकर पीढ़ी उजियारी करनी है

हर कुर्सी पर जमे हुए हैं मार्कोंस, यारो !
न्यायालय में नंगी हर मक्कारी करनी है