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"समय के साथ भी उसने / कमलेश भट्ट 'कमल'" के अवतरणों में अंतर

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समय के साथ भी उसने कभी तेवर नहीं बदला
 
समय के साथ भी उसने कभी तेवर नहीं बदला
  

13:57, 10 मई 2009 के समय का अवतरण

समय के साथ भी उसने कभी तेवर नहीं बदला

नदी ने रंग बी बदले‚ मगर सागर नहीं बदला


न जाने कैसे दिल से कोशिशें की प्यार की हमने

अभी तक शब्द "नफरत" का कोई अक्षर नहीं बदला


ज,रूरत से ज़्यादा हो‚ बुरी है कामयाबी भी

कोई विरला ही होगा जो इसे पाकर नहीं बदला


पुराने पत्थरोँ की हो गई पैदा नई फसलें

लहू की प्यास वैसी है‚ कोई पत्थर नहीं बदला


जिसे कुछ कर दिखाना है चले वो वक्त से आगे

किसी ने वक्त को उसके ही सँग चलकर नहीं बदला