भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उलझन / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} रचनाकार: परवीन शाकिर Category:कविताएँ Category:परवीन शाकिर ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ ...) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
− | रचनाकार | + | {{KKRachna |
− | + | |रचनाकार=परवीन शाकिर | |
− | + | |संग्रह= | |
− | + | }} | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
रात भी तन्हाई की पहली दहलीज़ पे है | रात भी तन्हाई की पहली दहलीज़ पे है | ||
18:43, 25 मई 2009 का अवतरण
रात भी तन्हाई की पहली दहलीज़ पे है
और मेरी जानिब अपने हाथ बढ़ाती है
सोच रही हूं
उनको थामूं
ज़ीना-ज़ीना सन्नाटों के तहख़ानों में उतरूं
या अपने कमरे में ठहरूं
चांद मेरी खिड़की पर दस्तक देता है