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"बिरहानल दाह दहै तन ताप / बिहारी" के अवतरणों में अंतर
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बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी। | बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी। | ||
19:01, 25 मई 2009 का अवतरण
बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी।
घर तैं लखि चन्द्रमुखीन चली, चलि माह अन्हान कछू जु सदी।
पहिलैं ही सहेलनि तैं सबके, बरजें हसि घाइ घसौ अबदी।
परस्यौ कर जाइ न न्हाय सु कौन, री अंग लगे उफनान नदी।।