भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जिजीविषा / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: न रहेगा कोलगेट और न रहेगा कंप्यूटर रहेगा सादा पानी , मेरी कविता ...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=रवीन्द्र दास | ||
+ | }} | ||
+ | <poem> | ||
न रहेगा कोलगेट | न रहेगा कोलगेट | ||
पंक्ति 22: | पंक्ति 27: | ||
अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न. | अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न. | ||
+ | </poem> |
17:47, 29 मई 2009 का अवतरण
न रहेगा कोलगेट
और न रहेगा कंप्यूटर
रहेगा सादा पानी ,
मेरी कविता
और मैं ....
मैं यानि मेरी इच्छाएं
मैं अक्सर सोचता हूँ
मैं अक्सर चाहता हूँ
मैं .....
यानि मेरी दुनिया
अनंत आकाश में
अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न.