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"तेरी आवाज़ / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर
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जहाँ दिखती है मुझे | जहाँ दिखती है मुझे | ||
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सुनकर तेरी आवाज़ | सुनकर तेरी आवाज़ | ||
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अंधेरों में भी | अंधेरों में भी | ||
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सूझ पड़ता है रास्ता | सूझ पड़ता है रास्ता | ||
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हो जाता हूँ शामिल | हो जाता हूँ शामिल | ||
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दुनिया में | दुनिया में | ||
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नई ताजगी | नई ताजगी | ||
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जब सुनता हूँ - | जब सुनता हूँ - | ||
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तेरी आवाज़ | तेरी आवाज़ | ||
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23:27, 6 जून 2009 के समय का अवतरण
आइना है तेरी आवाज़
जहाँ दिखती है मुझे
अपनी मुकम्मिल शक्ल
हो उठता हूँ जीवित
सुनकर तेरी आवाज़
अंधेरों में भी
सूझ पड़ता है रास्ता
हो जाता हूँ शामिल
दुनिया में
नई ताजगी
और नए विश्वास के साथ ,
जब सुनता हूँ -
तेरी आवाज़