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"वो दिल नवाज़ है नज़र शनास नहीं / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर
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16:43, 7 जून 2009 का अवतरण
वो दिल नवाज़ है नज़र शनास नहीं
मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं
तड़प रहे हैं ज़बाँ पर कई सवाल मगर
मेरे लिये कोई शयान-ए-इल्तमास नहीं
तेरे उजालों में भी दिल काँप-काँप उठता है
मेरे मिज़ाज को आसूदगी भी रास नहीँ
कभी-कभी जो तेरे क़ुर्ब में गुज़रे थे
अब उन दिनों का तसव्वुर भी मेरे पास नहीं
गुज़र रहे हैं अजब मर्हलों से दीदा-ओ-दिल
सहर की आस तो है ज़िन्दगी की आस नहीं
मुझे ये डर है कि तेरी आरज़ू न मिट जाये
बहुत दिनों से तबीयत मेरी उदास नहीं