भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फिक्र-ए-तामीर-ए-आशियाँ भी है / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नासिर काज़मी }} Category:गज़ल फिक्र-ए-तामीर-ए-आशियाँ भी है<br>...)
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
  
 
रंग भी उड़ रहा है फूलों का<br>
 
रंग भी उड़ रहा है फूलों का<br>
गुंचा गुंचा सर्द-फसाँ भी है<br><br>
+
गुंचा-गुंचा सर्द-फसाँ भी है<br><br>
  
ओस भी है कहीं कहीं लरज़ाँ<br>
+
ओस भी है कहीं-कहीं लरज़ाँ<br>
बज़्म-ए-अंजुमन धुआँ धुआँ भी है<br><br>
+
बज़्म-ए-अंजुमन धुआँ-धुआँ भी है<br><br>
  
 
कुछ तो मौसम भी है ख़याल अंगेज़<br>
 
कुछ तो मौसम भी है ख़याल अंगेज़<br>

17:01, 7 जून 2009 का अवतरण

फिक्र-ए-तामीर-ए-आशियाँ भी है
खौफ-ए-बे माहरी-ए-खिजाँ भी है

खाक भी उड़ रही है रास्तों में
आमद-ए-सुबह-ए-समाँ भी है

रंग भी उड़ रहा है फूलों का
गुंचा-गुंचा सर्द-फसाँ भी है

ओस भी है कहीं-कहीं लरज़ाँ
बज़्म-ए-अंजुमन धुआँ-धुआँ भी है

कुछ तो मौसम भी है ख़याल अंगेज़
कुछ तबियत मेरी रवाँ भी है

कुछ तेरा हुस्न भी है होश-रुबा
कुछ मेरी शौकी-ए-बुताँ भी है

हर नफ्स शौक भी है मंजिल का
हर कदम याद-ए-रफ्तुगाँ भी है

वजह-ए-तस्कीं भी है ख़याल उसका
हद से बढ़ जाये तो गिराँ भी है

ज़िन्दगी जिस के दम से है नासिर
याद उसकी अज़ाब-ए-जाँ भी है