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"वार्ता:अँगना में रौरा मचाइल चिरैयाँ सत / खड़ी बोली" के अवतरणों में अंतर

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यह गीत खड़ी बोली का नहीं है ; अत: इसे हटाकरदूसरे वर्ग [ भोज्पुरी या मैथिली  जो भी हो ]मे,न रखें ।
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यह गीत खड़ी बोली का नहीं है ; अत: इसे हटाकरदूसरे वर्ग [ भोज्पुरी या मैथिली  जो भी हो ]में रखें ।
 
-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
 
-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
 
rdkamboj@gmail.com
 
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15:21, 20 जून 2009 के समय का अवतरण

यह गीत खड़ी बोली का नहीं है ; अत: इसे हटाकरदूसरे वर्ग [ भोज्पुरी या मैथिली जो भी हो ]में रखें । -रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' rdkamboj@gmail.com