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"यहाँ, वहाँ और आसपास / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर

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02:38, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

जब आप खो चुकते हैं अपनी सारी सरलता

कुछ सरल-हृदय लोगों की तलाश में निकलते हैं

जा कर देखते हैं अपने गाँव में

बिस्तर के पास लटक रही है दुनाली

दोस्त डिज़ल की तलाश में

उसी बंगले पर शहर में डेरा डाले हैं

जहाँ से आप अभी-अभी लौटे हैं

बच्चे टाफ़ी और बिस्कुट के

दोस्त की बीवी प्लास्टिक की मूर्तियों की

शौक़ीन है

ढोलक की थाप पर फ़िल्मी धुन में भजन

आकाशवाणी से गुंजायमान है पंचायत


कहने को आप यहाँ आए हैं

क्या कहने