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"दूखण लागे नैन / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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दरस बिन दूखण लागे नैन।<br>
 
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जबसे तुम बिछुड़े प्रभु मोरे, कबहुं न पायो चैन।<br>
 
जबसे तुम बिछुड़े प्रभु मोरे, कबहुं न पायो चैन।<br>

19:25, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

दरस बिन दूखण लागे नैन।
जबसे तुम बिछुड़े प्रभु मोरे, कबहुं न पायो चैन।
सबद सुणत मेरी छतियां, कांपै मीठे लागै बैन।
बिरह व्यथा कांसू कहूं सजनी, बह गई करवत ऐन।
कल न परत पल हरि मग जोवत, भई छमासी रैन।
मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे, दुख मेटण सुख देन।