भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्रभु गिरधर नागर / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | + | |रचनाकार= मीराबाई | |
− | {{ | + | |
− | | | + | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
}} | }} | ||
− | + | [[Category:पद]] | |
बरसै बदरिया सावन की<br> | बरसै बदरिया सावन की<br> | ||
::सावन की मनभावन की।<br> | ::सावन की मनभावन की।<br> |
19:27, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
बरसै बदरिया सावन की
- सावन की मनभावन की।
- सावन की मनभावन की।
सावन में उमग्यो मेरो मनवा
- भनक सुनी हरि आवन की।
- भनक सुनी हरि आवन की।
उमड़ घुमड़ चहुँ दिसि से आयो
- दामण दमके झर लावन की।
- दामण दमके झर लावन की।
नान्हीं नान्हीं बूंदन मेहा बरसै
- सीतल पवन सोहावन की।
- सीतल पवन सोहावन की।
मीराके प्रभु गिरधर नागर
- आनंद मंगल गावन की।
- आनंद मंगल गावन की।