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"लाज राखो महाराज / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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अब तो निभायां सरेगी बाँह गहे की लाज।<br>
 
अब तो निभायां सरेगी बाँह गहे की लाज।<br>
 
समरथ शरण तुम्हारी सैयां सरब सुधारण काज।।<br>
 
समरथ शरण तुम्हारी सैयां सरब सुधारण काज।।<br>

19:29, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

अब तो निभायां सरेगी बाँह गहे की लाज।
समरथ शरण तुम्हारी सैयां सरब सुधारण काज।।
भवसागर संसार अपरबल जामे तुम हो जहाज।
गिरधारां आधार जगत गुरु तुम बिन होय अकाज।।
जुग जुग भीर हरी भगतन की दीनी मोक्ष समाज।
"मीरा" शरण गही चरणन की लाज रखो महाराज।।