भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"भजन बिना नरफीको / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
रचनाकार: [[मीराबाई]]
+
{{KKGlobal}}
[[Category:मीराबाई]]
+
{{KKRachna
[[Category:कविताएँ]]
+
|रचनाकार=मीराबाई  
 +
}}
 
[[Category:पद]]
 
[[Category:पद]]
 
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
 
  
 
आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको।।<br>
 
आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको।।<br>

21:49, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको।।
घर-घर तुलसी ठाकुर सेवा, दरसन गोविन्द जी को।।१।।
निरमल नीर बहत जमुना में, भोजन दूध दही को।
रतन सिंघासण आपु बिराजैं, मुकुट धरयो तुलसी को।।२।।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका, सबद सुणत मुरली को।
"मीरा" के प्रभु गिरधर नागर, भजन बिना नर फीको।।३।।