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"चिट्ठियाँ तारन्ता बाबू के नाम-8 / नाज़िम हिक़मत" के अवतरणों में अंतर

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मुसोलिनी बहुत बक-बक करता है तारन्ता-बाबू,
 
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आपोंआप
 
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:::दोस्तों के बिना
 
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::::बच्चे के समान
 
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जो फेंक दिया गया हो अंधेरी रात में ।
 
जो फेंक दिया गया हो अंधेरी रात में ।
 
 
बर्राता
 
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::और जाग पड़ता अपनी ही आवाज़ से
 
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सुलगता भय से
 
सुलगता भय से
 
 
::दहकता हुआ ख़ौफ़ से,
 
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बड़बड़ाता लगातार !
 
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वह बहुत ज़्यादा बोल रहा है तारन्ता-बाबू
 
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क्योंकि  
 
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::वह बेहद डरा हुआ है
  
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''' अंग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त'''
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01:19, 21 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

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मुसोलिनी बहुत बक-बक करता है तारन्ता-बाबू, आपोंआप

दोस्तों के बिना
बच्चे के समान

जो फेंक दिया गया हो अंधेरी रात में । बर्राता

और जाग पड़ता अपनी ही आवाज़ से

सुलगता भय से

दहकता हुआ ख़ौफ़ से,

बड़बड़ाता लगातार ! वह बहुत ज़्यादा बोल रहा है तारन्ता-बाबू क्योंकि

वह बेहद डरा हुआ है


अंग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त </poem>