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"विद्वेष / शिरीष कुमार मौर्य" के अवतरणों में अंतर
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− | पहली निगाह में दिखाई भले न दे | + | पहली निगाह में दिखाई भले न दे |
− | पर धीरे - धीरे | + | पर धीरे - धीरे |
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− | अचानक ही जन्म नहीं लेता वह | + | अचानक ही जन्म नहीं लेता वह |
− | ह्रदय में पलता है | + | ह्रदय में पलता है |
− | सरीसृपों के अंडे -सा | + | सरीसृपों के अंडे -सा |
− | फूटता है | + | फूटता है |
− | वांछित गर्माहट और नमी पा कर | + | वांछित गर्माहट और नमी पा कर |
− | मादा मगरमच्छ की तरह | + | मादा मगरमच्छ की तरह |
− | हमेशा तैयार मिलते हैं | + | हमेशा तैयार मिलते हैं |
− | उसे | + | उसे |
− | संभालकर मुंह में दबाये | + | संभालकर मुंह में दबाये |
− | जीवन के प्रवाह तक | + | जीवन के प्रवाह तक |
पहुंचाने वाले ! | पहुंचाने वाले ! | ||
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15:23, 22 जुलाई 2009 के समय का अवतरण
आप
उसे महसूस कर सकते हैं
बातों की
धूप - छाँव में
चेहरे पर वह कुछ अलग तरह की रेखाएं
बनाता है
पहली निगाह में दिखाई भले न दे
पर धीरे - धीरे
समझ में आता है
अचानक ही जन्म नहीं लेता वह
ह्रदय में पलता है
सरीसृपों के अंडे -सा
फूटता है
वांछित गर्माहट और नमी पा कर
मादा मगरमच्छ की तरह
हमेशा तैयार मिलते हैं
उसे
संभालकर मुंह में दबाये
जीवन के प्रवाह तक
पहुंचाने वाले !