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हम बेखु़दी-ओ-होश की हद से गुज़र के भी। | हम बेखु़दी-ओ-होश की हद से गुज़र के भी। | ||
अन्दाज़ये-जमाले-हक़ीक़त न कर सके॥ | अन्दाज़ये-जमाले-हक़ीक़त न कर सके॥ | ||
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तकमीले-इश्क़ क़ैद में मजबूरियों की थी। | तकमीले-इश्क़ क़ैद में मजबूरियों की थी। | ||
कैसी हँसी कि रोने की जुरअत न कर सके॥ | कैसी हँसी कि रोने की जुरअत न कर सके॥ | ||
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मेरी मजबूरियों का नाम रख लो दूसरी दुनिया। | मेरी मजबूरियों का नाम रख लो दूसरी दुनिया। | ||
यह कोई फ़ासला है जो क़फ़स से आशियाँ तक है॥ | यह कोई फ़ासला है जो क़फ़स से आशियाँ तक है॥ | ||
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बेइश्क़ दर्दे-ज़ीस्त का दरमाँ न हो सका। | बेइश्क़ दर्दे-ज़ीस्त का दरमाँ न हो सका। | ||
इन्साँ बजाय ख़ुद कभी इन्साँ न हो सका॥ | इन्साँ बजाय ख़ुद कभी इन्साँ न हो सका॥ | ||
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हुस्ने-नज़र से मैंने सँवारी जो कायनात। | हुस्ने-नज़र से मैंने सँवारी जो कायनात। | ||
वो कौन खार था कि गुलिस्ताँ न हो सका॥ | वो कौन खार था कि गुलिस्ताँ न हो सका॥ | ||
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हर एक दर्द की करवट पै उठ रहा है हिजाब। | हर एक दर्द की करवट पै उठ रहा है हिजाब। | ||
हरेक साँस में पैग़ाम पा रहा है कोई॥ | हरेक साँस में पैग़ाम पा रहा है कोई॥ | ||
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जुर्मे-उलफ़त का सहारा मिलते ही होश आ गया। | जुर्मे-उलफ़त का सहारा मिलते ही होश आ गया। | ||
अलमे-असबाब में खोया हुआ अब दिल नहीं॥ | अलमे-असबाब में खोया हुआ अब दिल नहीं॥ | ||
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चमन में आग लगा दी दिलों को फूँक दिया। | चमन में आग लगा दी दिलों को फूँक दिया। | ||
मचल के और यह अब्रे-बहार क्या करते॥ | मचल के और यह अब्रे-बहार क्या करते॥ | ||
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16:49, 26 जुलाई 2009 के समय का अवतरण
हम बेखु़दी-ओ-होश की हद से गुज़र के भी।
अन्दाज़ये-जमाले-हक़ीक़त न कर सके॥
तकमीले-इश्क़ क़ैद में मजबूरियों की थी।
कैसी हँसी कि रोने की जुरअत न कर सके॥
मेरी मजबूरियों का नाम रख लो दूसरी दुनिया।
यह कोई फ़ासला है जो क़फ़स से आशियाँ तक है॥
बेइश्क़ दर्दे-ज़ीस्त का दरमाँ न हो सका।
इन्साँ बजाय ख़ुद कभी इन्साँ न हो सका॥
हुस्ने-नज़र से मैंने सँवारी जो कायनात।
वो कौन खार था कि गुलिस्ताँ न हो सका॥
हर एक दर्द की करवट पै उठ रहा है हिजाब।
हरेक साँस में पैग़ाम पा रहा है कोई॥
जुर्मे-उलफ़त का सहारा मिलते ही होश आ गया।
अलमे-असबाब में खोया हुआ अब दिल नहीं॥
चमन में आग लगा दी दिलों को फूँक दिया।
मचल के और यह अब्रे-बहार क्या करते॥