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"उम्मीदे-अमन क्या हो याराने-गुलिस्ताँ से / सीमाब अकबराबादी" के अवतरणों में अंतर
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22:54, 3 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
उम्मीदे-अमन क्या हो याराने-गुलिस्ताँ से।
दीवाने खेलते है अपने ही आशियाँ से॥
बिजली कहा किसी ने, कोई शरार समझा।
इक लौ निकल गई थी, दागे़-ग़मे-निहाँ से॥