भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो / कृष्णदास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्ण }} Category:पद <poeM>मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो। लल...)
 
छो (मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो / कृष्ण का नाम बदलकर मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो / कृष्णदास कर दिया गया है)
(कोई अंतर नहीं)

21:57, 5 अगस्त 2009 का अवतरण

मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो।
ललित त्रिभंग चाल पै चलि कै, चिबुक चारु गडि ठठक्यो॥
सजल स्याम घन बरन लीन ह्वै, फिर चित अनत न भटक्यो।
'कृष्णदास किए प्रान निछावर, यह तन जग सिर पटक्यो॥