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"कौन कहता है / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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तेरी यादों को कलेजे से लगा रखा है <br><br>
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तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी
दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रखा है <br><br>
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मैनें अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है <br><br>
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18:27, 10 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है
तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है

लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं
दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है

तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी
वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है

देख जा आ के महकते हुये ज़ख़्मों की बहार
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रक्खा है