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"उजाला बाँटते हैं / राजुल मेहरोत्रा" के अवतरणों में अंतर

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10:10, 12 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

ज़िन्दगी भर चापलूसी के पत्ते चाटते हैं
अपनी ग़लती पर दूसरों को डाँटते हैं
यह एहसान नहीँ तो और क्या है
अंधेरे मे रहने वाले उजाला बाँटते हैं