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"कुछ नई आवाज़ें पुराने कब्रिस्तान से / नोमान शौक़" के अवतरणों में अंतर

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हमारी वफ़ादारी<br />
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बाहर निकलना चाहते हैं
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बाहर निकलना चाहते हैं<br />
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पूर्वाग्रह और पाखंड के इस मक़बरे से<br />
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अपनी ही चीत्कार की अनुगूँज
  
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आप
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इतिहास के झूठे खंडहरों में<br />
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गणतन्त्र रूपी गाय की पीठ पर बैठे
अपनी ही चीत्कार की अनुगूँज<br />
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शहर के सबसे पुराने क़ब्रिस्तान से  
 
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उठती ये आवाजें
आप<br />
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सुनाई दे रही हैं आपको !!
जो बंसी बजा रहे हैं<br />
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गणतन्त्र रूपी गाय की पीठ पर बैठे<br />
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शहर के सबसे पुराने क़ब्रिस्तान से <br />
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उठती ये आवाजें<br />
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सुनाई दे रही हैं आपको !!<br />
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16:30, 16 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

मक्खी की तरह पड़ी है
आपकी चाय की प्याली में
हमारी वफ़ादारी

हम
जो बाबर की औलादें नहीं
बाहर निकलना चाहते हैं
पूर्वाग्रह और पाखंड के इस मक़बरे से

आख़िर
कब तक सुनते रहेंगे हम
इतिहास के झूठे खंडहरों में
अपनी ही चीत्कार की अनुगूँज

आप
जो बंसी बजा रहे हैं
गणतन्त्र रूपी गाय की पीठ पर बैठे
शहर के सबसे पुराने क़ब्रिस्तान से
उठती ये आवाजें
सुनाई दे रही हैं आपको !!