भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ऊब / श्रीनिवास श्रीकांत" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीनिवास श्रीकांत |संग्रह=नियति,इतिहास और जरा...)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:30, 21 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

शाम की सुन्दूरवर्णी झील में
आत्महत्या कर गया है
         आज का दिन
कौन जाने किस नगर-पथ से भटककर
आज विधवा रात
मेरे द्वार आयी है

मगर मेरे पास
कुछ भी नहीं
हाँ,कुछ भी नहीं है
महज़ अनगिन सीपियां है
सीपियाँ बीते क्षणों की

बाँझ

आज मैं कुछ भी नहीं
कुछ भी नहीं हूँ
तभी शायद ऊबकर मुझसे
अचानक

मर गया है आज का दिन
शाम की सिन्दूरवर्णी झील में