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"चाँदनी को रुसूल कहता हूँ / साग़र सिद्दीकी" के अवतरणों में अंतर

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12:05, 27 अगस्त 2009 का अवतरण

चाँदनी को रुसूल कहता हूँ
बात को बाउसूल कहता हूँ

जगमगाते हुए सितारों को
तेरे पैरों की धूल कहता हूँ

जो चमन की हयात को डस ले
उस कली को बबूल कहता हूँ

इत्तेफ़ाक़न तुम्हारे मिलने को
ज़िन्दगी का हुसूल कहता हूँ

आप की साँवली सी सूरत को
ज़ौक़-ए-यज़्दाँ की भूल कहता हूँ

जब मयस्सर हो साग़र-ओ-मीना
बर्क़पारों को फूल कहता हूँ