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"रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति / बाबू महेश नारायण" के अवतरणों में अंतर

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रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति
 
रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति
 
कैफ़ियत एक मनोहर थी वह पैदा करती-
 
कैफ़ियत एक मनोहर थी वह पैदा करती-
:::एक कैफ़ियत मनोहर
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::एक कैफ़ियत मनोहर
:::देखें तो होवें शशदर
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::देखें तो होवें शशदर
::::सुन्दर भयंकर।
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::सुन्दर भयंकर।
 
दरख़्तों की हू हू, पबन की लपट,
 
दरख़्तों की हू हू, पबन की लपट,
 
निशा मय प्रकृति वो कर्कश समय
 
निशा मय प्रकृति वो कर्कश समय

18:12, 20 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति
कैफ़ियत एक मनोहर थी वह पैदा करती-
एक कैफ़ियत मनोहर
देखें तो होवें शशदर
सुन्दर भयंकर।
दरख़्तों की हू हू, पबन की लपट,
निशा मय प्रकृति वो कर्कश समय
घनाघोर धुप में दमक दामिनि की
स्वरूपीय भय के समागत थे सेना,
महादेव यम राज्य स्वाधीन करते