भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आस्था-4 / राजीव रंजन प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: '''आस्था -४'''<br /> पागल हूं तो पत्थर मारो<br /> दीवाना हूँ हँस लो मुझपर<br /> म...)
(कोई अंतर नहीं)

06:55, 30 सितम्बर 2009 का अवतरण

आस्था -४

पागल हूं तो पत्थर मारो
दीवाना हूँ हँस लो मुझपर
मुझे तुम्हारी नादानी से
और आस्थाये गढनी हैं...