भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आस्था-4 / राजीव रंजन प्रसाद" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rajeevnhpc102 (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: '''आस्था -४'''<br /> पागल हूं तो पत्थर मारो<br /> दीवाना हूँ हँस लो मुझपर<br /> म...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
06:55, 30 सितम्बर 2009 का अवतरण
आस्था -४
पागल हूं तो पत्थर मारो
दीवाना हूँ हँस लो मुझपर
मुझे तुम्हारी नादानी से
और आस्थाये गढनी हैं...