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"आस्था-4 / राजीव रंजन प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

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पागल हूं तो पत्थर मारो<br />
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मुझे तुम्हारी नादानी से<br />
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और आस्थाएँ गढनी हैं...
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15:55, 30 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

पागल हूँ तो पत्थर मारो
दीवाना हूँ हँस लो मुझ पर
मुझे तुम्हारी नादानी से
और आस्थाएँ गढनी हैं...