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"मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | ||
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तेरे साथ खिली जो कलियाँ, | तेरे साथ खिली जो कलियाँ, | ||
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रूप-रंगमय कुसुमावलियाँ, | रूप-रंगमय कुसुमावलियाँ, | ||
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वे कब की धरती में सोईं, होगा उनका फिर न सवेरा! | वे कब की धरती में सोईं, होगा उनका फिर न सवेरा! | ||
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मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | ||
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नूतन मुकुलित कलिकाओं पर, | नूतन मुकुलित कलिकाओं पर, | ||
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उपवन की नव आशाओं पर, | उपवन की नव आशाओं पर, | ||
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नहीं सोहता, पागल, तेरा दुर्बल-दीन-अंगमल फेरा! | नहीं सोहता, पागल, तेरा दुर्बल-दीन-अंगमल फेरा! | ||
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मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | ||
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जहाँ प्यार बरसा था तुझ पर, | जहाँ प्यार बरसा था तुझ पर, | ||
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वहाँ दया की भिक्षा लेकर, | वहाँ दया की भिक्षा लेकर, | ||
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जीने की लज्जा को कैसे सहता है, मानी, मन तेरा! | जीने की लज्जा को कैसे सहता है, मानी, मन तेरा! | ||
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मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा! | ||
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17:30, 4 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा!
तेरे साथ खिली जो कलियाँ,
रूप-रंगमय कुसुमावलियाँ,
वे कब की धरती में सोईं, होगा उनका फिर न सवेरा!
मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा!
नूतन मुकुलित कलिकाओं पर,
उपवन की नव आशाओं पर,
नहीं सोहता, पागल, तेरा दुर्बल-दीन-अंगमल फेरा!
मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा!
जहाँ प्यार बरसा था तुझ पर,
वहाँ दया की भिक्षा लेकर,
जीने की लज्जा को कैसे सहता है, मानी, मन तेरा!
मधुप, नहीं अब मधुवन तेरा!