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"मैं कल रात नहीं रोया था / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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मैं कल रात नहीं रोया था
 
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तेरे वक्षस्थल पर सिर धर,
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फल खाए, फूलों को चूमा,
तेरी गोदी में चिड़िया के बच्चे-सा छिपकर सोया था!<br>
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कल दुर्दिन का भार न अपने पंखो पर मैंने ढोया था!
मैं कल रात नहीं रोया था!<br><br>
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ऐसे सपनों के मधुवन का मधुमय बीज, बता, बोया था!<br>
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ऐसे सपनों के मधुवन का मधुमय बीज, बता, बोया था?
मैं कल रात नहीं रोया था!<br><br>
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मैं कल रात नहीं रोया था!
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17:48, 4 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

मैं कल रात नहीं रोया था

दुख सब जीवन के विस्मृत कर,
तेरे वक्षस्थल पर सिर धर,
तेरी गोदी में चिड़िया के बच्चे-सा छिपकर सोया था!
मैं कल रात नहीं रोया था!

प्यार-भरे उपवन में घूमा,
फल खाए, फूलों को चूमा,
कल दुर्दिन का भार न अपने पंखो पर मैंने ढोया था!
मैं कल रात नहीं रोया था!

आँसू के दाने बरसाकर
किन आँखो ने तेरे उर पर
ऐसे सपनों के मधुवन का मधुमय बीज, बता, बोया था?
मैं कल रात नहीं रोया था!