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"सबब बग़ैर था हर जब्र क़ाबिले-इलज़ाम / आरज़ू लखनवी" के अवतरणों में अंतर

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21:43, 5 अक्टूबर 2009 का अवतरण


सबब बग़ैर था हर जब्र क़ाबिले इल्ज़ाम।
बहाना ढूंढ लिया, देके अख्तियार मुझे॥

किया है आग लगाने को बन्द दरवाज़ा।
कि होंट सी के बनाया है राज़दार मुझे॥