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"वायु के प्रति / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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प्राण! तुम लघु लघु गात!
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निखिल छवि की छवि! तुम छवि हीन
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अप्सरी-सी अज्ञात! 
  
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अधर मर्मरयुत, पुलकित अंग
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चूमती चलपद चपल तरंग,
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थिरकते तृण; तरु-पात! 
  
प्राण! तुम लघु लघु गात!<br>
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हरित-द्युति चंचल अंचल छोर
नील नभ के निकुंज में लीन,<br>
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सजल छवि, नील कंचु, तन गौर,  
नित्य नीरव, नि:संग नवीन,<br>
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चूर्ण कच, साँस सुगंध झकोर,  
निखिल छवि की छवि! तुम छवि हीन<br>
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अप्सरी-सी अज्ञात!<br><br>
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अधर मर्मरयुत, पुलकित अंग<br>
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विश्व हृत शतदल निभृत निवास,  
चूमती चलपद चपल तरंग,<br>
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अहिर्निशि जग-जीवन-हास-विलास,  
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थिरकते तृण; तरु-पात!<br><br>
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सजल छवि, नील कंचु, तन गौर,<br>
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चूर्ण कच, साँस सुगंध झकोर,<br>
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परों में सांय-प्रात!<br><br>
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विश्व हृत शतदल निभृत निवास,<br>
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अहिर्निशि जग-जीवन-हास-विलास,<br>
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अदृश्य, अस्पृश्य अजात!<br><br>
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12:22, 13 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

प्राण! तुम लघु लघु गात!
नील नभ के निकुंज में लीन,
नित्य नीरव, नि:संग नवीन,
निखिल छवि की छवि! तुम छवि हीन
अप्सरी-सी अज्ञात!

अधर मर्मरयुत, पुलकित अंग
चूमती चलपद चपल तरंग,
चटकतीं कलियाँ पा भ्रू-भंग
थिरकते तृण; तरु-पात!

हरित-द्युति चंचल अंचल छोर
सजल छवि, नील कंचु, तन गौर,
चूर्ण कच, साँस सुगंध झकोर,
परों में सांय-प्रात!

विश्व हृत शतदल निभृत निवास,
अहिर्निशि जग-जीवन-हास-विलास,
अदृश्य, अस्पृश्य अजात!