भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जाँ निसार अख़्तर }} Category:रुबाई <poem> सीने पे पड़ा हु…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:21, 19 अक्टूबर 2009 का अवतरण
सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल
आँखों में ये लाज का लहकता काजल
तहज़ीब की तस्वीर हया की देवी
पर सेज पर कितनी शोख़ कितनी चंचल