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"चाल और भी दिल-नशीन हो जाती है / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर
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चाल और भी दिल-नशीन हो जाती है | चाल और भी दिल-नशीन हो जाती है |
18:33, 19 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
चाल और भी दिल-नशीन हो जाती है
फूलों की तरह ज़मीन हो जाती है
चलती हूँ जो साथ-साथ उनके तो सखी
खुद चाल मेरी हसीन हो जाती है