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"दरवाजे की खोलने उठी है ज़ंजीर / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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दरवाजे की खोलने उठी है ज़ंजीर
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दरवाज़े की खोलने उठी है ज़ंजीर
 
लौटा हूँ कहीं से जब भी पी कर किसी रात
 
लौटा हूँ कहीं से जब भी पी कर किसी रात
  
 
हर बार अँधेरे में लगा है ऐसा
 
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जैसे कोई शमा चल रही है मेरे साथ
 
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18:47, 19 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

दरवाज़े की खोलने उठी है ज़ंजीर
लौटा हूँ कहीं से जब भी पी कर किसी रात

हर बार अँधेरे में लगा है ऐसा
जैसे कोई शमा चल रही है मेरे साथ