भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जुस्तजू जिस की थी / शहरयार" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) छो ("जुस्तजू जिस की थी / शहरयार" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | + | |रचनाकार=शहरयार | |
− | + | |audio=<flashmp3>http://www.kavitakosh.org/audio/justuju_jiski_thee.mp3</flashmp3> | |
− | + | |voiceof=अज्ञात | |
− | + | }} | |
− | + | {{KKCatGhazal}} | |
− | जुस्तजू जिस की थी उस को तो न पाया | + | जुस्तजू जिस की थी उस को तो न पाया हमने<br> |
− | इस बहाने से मगर देख ली दुनिया | + | इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने<br><br> |
− | + | तुझको रुसवा न किया ख़ुद भी पशेमाँ न हुये<br> | |
− | इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया | + | इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने<br><br> |
कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी हमें याद नहीं<br> | कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी हमें याद नहीं<br> | ||
− | ज़िन्दगी | + | ज़िन्दगी तुझको तो बस ख़्वाब में देखा हमने<br><br> |
ऐ "अदा" और सुनाये भी तो क्या हाल अपना<br> | ऐ "अदा" और सुनाये भी तो क्या हाल अपना<br> | ||
− | उम्र का लम्बा सफ़र तय किया तन्हा | + | उम्र का लम्बा सफ़र तय किया तन्हा हमने<br><br><br> |
टिप्पणी:<br> | टिप्पणी:<br> | ||
इस गज़ल को शहरयार ने फ़िल्म "उमराव जान" के लिये लिखा था। फ़िल्म में नायिका उमराव जान एक शायरा भी हैं और उनका तख़ल्लुस "अदा" है।<br><br> | इस गज़ल को शहरयार ने फ़िल्म "उमराव जान" के लिये लिखा था। फ़िल्म में नायिका उमराव जान एक शायरा भी हैं और उनका तख़ल्लुस "अदा" है।<br><br> |
00:21, 22 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
इस रचना को आप सस्वर सुन सकते हैं: |
आवाज़: अज्ञात |
जुस्तजू जिस की थी उस को तो न पाया हमने
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने
तुझको रुसवा न किया ख़ुद भी पशेमाँ न हुये
इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने
कब मिली थी कहाँ बिछड़ी थी हमें याद नहीं
ज़िन्दगी तुझको तो बस ख़्वाब में देखा हमने
ऐ "अदा" और सुनाये भी तो क्या हाल अपना
उम्र का लम्बा सफ़र तय किया तन्हा हमने
टिप्पणी:
इस गज़ल को शहरयार ने फ़िल्म "उमराव जान" के लिये लिखा था। फ़िल्म में नायिका उमराव जान एक शायरा भी हैं और उनका तख़ल्लुस "अदा" है।