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"राखी बांधत जसोदा मैया / सूरदास" के अवतरणों में अंतर

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राखी बांधत जसोदा मैया ।
 
राखी बांधत जसोदा मैया ।
 
 
विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया ॥
 
विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया ॥
 
 
हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।
 
हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।
 
 
तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया ॥
 
तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया ॥
 
 
बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया ।
 
बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया ।
 
 
नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया॥
 
नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया॥
 
 
नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया ।
 
नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया ।
 
 
सूरदास गिरिधर चिर जीयो गोकुल बजत बधैया ॥
 
सूरदास गिरिधर चिर जीयो गोकुल बजत बधैया ॥
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16:21, 24 अक्टूबर 2009 का अवतरण

राखी बांधत जसोदा मैया ।
विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया ॥
हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।
तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया ॥
बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया ।
नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया॥
नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया ।
सूरदास गिरिधर चिर जीयो गोकुल बजत बधैया ॥